World History: League of Nations and Totalitarianism’s Rise
League of Nations: Formation, Structure, and Failure
1. Formation of the League of Nations (स्थापना)
प्रथम विश्व युद्ध (1914–1918) के बाद दुनिया में शांति बनाए रखने की ज़रूरत महसूस हुई।
- अमेरिका के राष्ट्रपति Woodrow Wilson ने अपने Fourteen Points (1918) में एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन का प्रस्ताव रखा।
- 1919 की Versailles की संधि (Treaty of Versailles) में इसका प्रावधान किया गया।
- 10 जनवरी 1920 को आधिकारिक रूप से इसकी स्थापना हुई।
Objectives (मुख्य उद्देश्य)
- विश्व शांति बनाए रखना।
- युद्ध को रोकना।
- देशों के बीच विवादों का शांतिपूर्ण समाधान।
- निरस्त्रीकरण (Disarmament) और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना।
2. Organization and Structure (संरचना)
Main Organs (मुख्य अंग)
- Assembly (संसद/महासभा): सभी सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व। साल में एक बार बैठक। नीतियाँ और बजट तय करना।
- Council (परिषद): स्थायी सदस्य: ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जापान (बाद में जर्मनी और USSR भी शामिल हुए)। अस्थायी सदस्य चुने जाते थे। आपातकालीन मुद्दों पर निर्णय लेना।
- Secretariat (सचिवालय): प्रशासनिक कामकाज संभालना। पहले महासचिव – Sir Eric Drummond।
- Permanent Court of International Justice (न्यायालय): अंतर्राष्ट्रीय विवादों का निपटारा करना।
- International Labour Organization (ILO): श्रमिकों के अधिकार और कार्य-स्थितियों में सुधार करना।
3. Achievements (उपलब्धियाँ)
- सीमा विवादों का समाधान: Åland Islands (फिनलैंड और स्वीडन), Upper Silesia (जर्मनी और पोलैंड) जैसे विवाद सुलझाए।
- Mandate System: युद्ध के बाद उपनिवेशों को विकसित देशों के संरक्षण में दिया गया।
- Humanitarian Work: शरणार्थियों की मदद, मादक पदार्थों की रोकथाम, बीमारियों (जैसे मलेरिया, कुष्ठ) पर काम।
- ILO का काम: मजदूरों की स्थिति सुधारने और 8 घंटे का कार्य-दिवस लागू करने का प्रयास।
- Disarmament के प्रयास: कई बार सम्मेलन आयोजित हुए (हालाँकि बड़े पैमाने पर सफल नहीं हुए)।
4. Failures (असफलताएँ)
- America ने Join नहीं किया: USA इसका संस्थापक था लेकिन इसकी संसद (Senate) ने शामिल होने से मना कर दिया।
- Great Powers का सहयोग न मिलना: जर्मनी, जापान, इटली, USSR जैसे देश या तो निकले या निष्कासित हुए।
- Aggression को रोकने में असफल:
- जापान ने Manchuria (1931) पर कब्ज़ा कर लिया – League कुछ नहीं कर पाया।
- इटली ने Abyssinia (Ethiopia) पर हमला किया (1935) – League नाकाम रहा।
- जर्मनी ने Hitler के नेतृत्व में पुन: शस्त्रीकरण और विस्तार शुरू किया।
- Second World War को नहीं रोक पाया: League की सबसे बड़ी असफलता यही थी।
- निर्णयों में एकमत ज़रूरी था: इससे फैसले बहुत धीमे और कमजोर साबित हुए।
Conclusion (निष्कर्ष)
League of Nations विश्व शांति के लिए एक अच्छा प्रयास था, लेकिन कमजोर संगठन साबित हुआ। इसकी असफलताओं के कारण 1945 में United Nations (UNO) की स्थापना की गई, जो आज भी काम कर रहा है।
Rise of Totalitarianism (सर्वसत्तावाद का उदय)
1. Introduction (परिचय)
Totalitarianism (सर्वसत्तावाद) एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था है जिसमें संपूर्ण सत्ता एक नेता या एक दल के हाथों में केंद्रित हो जाती है। इसमें व्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतंत्र और विरोध को दबा दिया जाता है। जनता से अपेक्षा की जाती है कि वे नेता और राज्य की आज्ञा का पूरी तरह पालन करें।
2. Background and Causes (पृष्ठभूमि)
प्रथम विश्व युद्ध (1914–1918) के बाद की परिस्थितियाँ Totalitarianism के उदय के लिए जिम्मेदार थीं:
- Treaty of Versailles (1919): जर्मनी पर कठोर शर्तें लगाई गईं। भारी क्षतिपूर्ति (Reparations) और सेना पर प्रतिबंध ने जर्मनी को कमजोर और अपमानित कर दिया।
- आर्थिक संकट (Economic Crisis): युद्ध के बाद यूरोप की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई। 1929 की Great Depression ने बेरोजगारी और गरीबी बढ़ा दी।
- राजनीतिक अस्थिरता (Political Instability): लोकतांत्रिक सरकारें जनता की समस्याओं को हल नहीं कर पाईं, जिससे जनता ने मजबूत और सख्त नेतृत्व की मांग की।
- राष्ट्रीय गौरव (Nationalism) की भावना: हार झेल चुके देशों (जर्मनी, इटली) में फिर से शक्ति और गौरव पाने की इच्छा पैदा हुई।
- कम्युनिज्म का डर (Fear of Communism): रूस में 1917 की Bolshevik Revolution के बाद यूरोप में साम्यवाद (Communism) का डर फैल गया, जिससे कई लोग कठोर राष्ट्रवादी और तानाशाही शासकों का समर्थन करने लगे।
3. Key Totalitarian Leaders and Ideologies
Italy – Benito Mussolini (Fascism)
- 1922 में Mussolini सत्ता में आया और Fascist Party की स्थापना की।
- उसका नारा था “Believe, Obey, Fight” (मानो, आज्ञा मानो, लड़ो)।
- लोकतंत्र को खत्म कर एक दल और एक नेता की सत्ता स्थापित की।
- इटली को फिर से “Roman Empire” जैसा शक्तिशाली बनाने की कोशिश की।
Germany – Adolf Hitler (Nazism)
- 1933 में Hitler सत्ता में आया और Nazi Party को मजबूत किया।
- Versailles की संधि को तोड़ा और जर्मनी का पुनः शस्त्रीकरण किया।
- उसका नारा था – “Ein Volk, Ein Reich, Ein Führer” (एक लोग, एक साम्राज्य, एक नेता)।
- यहूदियों और अल्पसंख्यकों को सताया (Holocaust)।
- विस्तारवाद (Expansionism) की नीति अपनाई और द्वितीय विश्व युद्ध छेड़ा।
Soviet Union – Joseph Stalin (Communist Dictatorship)
- Lenin की मृत्यु के बाद Stalin ने सत्ता अपने हाथ में ली।
- Communist Party को पूरी तरह अपने नियंत्रण में कर लिया।
- Five Year Plans लागू किए, उद्योग और कृषि का राष्ट्रीयकरण किया।
- विरोधियों को खत्म करने के लिए Great Purges चलाए।
Japan – Military Dictatorship
- 1930 के दशक में जापान की सेना ने सरकार पर नियंत्रण कर लिया।
- सम्राट (Emperor Hirohito) को प्रतीक मानकर असल शक्ति सेना के हाथों में आ गई।
- जापान ने Expansionism की नीति अपनाई और Manchuria (1931), China (1937) पर कब्ज़ा किया।
4. Features of Totalitarianism (मुख्य विशेषताएँ)
- एक पार्टी और एक नेता का शासन।
- लोकतंत्र और स्वतंत्रता का अंत।
- प्रचार तंत्र (Propaganda) के ज़रिए जनता को नियंत्रित करना।
- गुप्त पुलिस और सेना से विरोधियों का दमन।
- राष्ट्रीय गौरव और विस्तारवाद पर जोर।
- व्यक्ति का महत्व खत्म – सब कुछ राज्य और नेता के लिए।
5. Consequences (परिणाम)
- यूरोप और एशिया में युद्ध की तैयारी शुरू हुई।
- आक्रमण और विस्तारवाद – जापान (Manchuria, China), इटली (Ethiopia), जर्मनी (Austria, Poland)।
- द्वितीय विश्व युद्ध (1939–1945) का मुख्य कारण बना।
- लाखों लोगों का नरसंहार (Holocaust, युद्ध, Gulag camps)।
6. Conclusion (निष्कर्ष)
Totalitarianism का उदय विश्व इतिहास में एक अंधकारमय दौर था। यह जनता की निराशा और अस्थिरता से पैदा हुआ। Mussolini, Hitler, Stalin और जापानी सैन्यवाद ने लोकतंत्र और शांति को नष्ट कर दिया, जिसके कारण दुनिया को Second World War जैसी बड़ी तबाही झेलनी पड़ी।
Failure of Weimar Republic and Rise of Nazism
1. Introduction (परिचय)
Weimar Republic जर्मनी की पहली लोकतांत्रिक सरकार थी, जो 1919 से 1933 तक चली। इसे Versailles Treaty (1919) के बाद स्थापित किया गया। इसका उद्देश्य जर्मनी में लोकतंत्र लाना और शांति बनाए रखना था, लेकिन यह कमजोर साबित हुई और Nazism (Hitler और Nazi Party) का उदय हुआ।
2. Failures of Weimar Republic (असफलताएँ)
Political Weakness (राजनीतिक कमजोरी)
- संघर्षपूर्ण पार्टियों की भरमार: 20 से ज्यादा पार्टियाँ थीं, जिससे संसद में कोई स्थिर सरकार नहीं बन पाती थी।
- Extremist Groups का दबदबा: Communists (बाएँ) और Nazis (दाएँ) लगातार विरोध कर रहे थे।
- President की Emergency Powers: Article 48 के तहत राष्ट्रपति को आपातकाल में पूर्ण सत्ता मिल जाती थी, जिससे लोकतंत्र कमजोर पड़ा।
Economic Problems (आर्थिक समस्याएँ)
- Versailles Treaty का बोझ: Reparations (युद्ध क्षतिपूर्ति) का भारी दबाव।
- Hyperinflation (1923): रुपये की कीमत अस्थिर हो गई, लोगों की बचत नष्ट हो गई। उदाहरण: एक ब्रेड की कीमत लाखों मार्क तक पहुंच गई।
Social Unrest and Versailles Impact
- जनता में असंतोष और निराशा फैल गई। Streiks और Demonstrations आम हो गए।
- जर्मनी को असंतोष और अपमान महसूस हुआ। जनता ने लोकतंत्र को दोषी मानना शुरू किया और strong leader की तलाश में थे।
3. Rise of Nazism (नाज़ियों का उदय)
Reasons for Rise
- Economic Crisis: Hyperinflation और Great Depression ने लोगों को गरीब और दुखी कर दिया।
- National Humiliation: Versailles Treaty और युद्ध हार के कारण लोग शर्मिंदा थे।
- Fear of Communism: 1917 की Bolshevik Revolution के बाद, बाएँ हाथ की सरकारों से डर।
- Weakness of Weimar Republic: Political instability और भ्रष्टाचार।
- Hitler का Leadership: Charismatic leader, जो लोगों को आश्वासन और राष्ट्रवादी विचार देता था।
Nazi Party Ideology
- Extreme Nationalism: जर्मनी को फिर से शक्तिशाली बनाना।
- Anti-Semitism: यहूदियों को दोषी ठहराना।
- Lebensraum (Living Space): पड़ोसी देशों पर कब्ज़ा।
- One Party Rule: सभी विपक्ष को दबाना।
Hitler’s Rise to Power
- 1920–1923: Nazi Party का गठन और Munich Putsch (विफल विद्रोह)।
- 1924–1929: आर्थिक कठिनाई के दौरान पार्टी का विस्तार।
- 1930: चुनावों में Nazi Party बड़ी पार्टी बन गई।
- 30 जनवरी 1933: Adolf Hitler को Chancellor नियुक्त किया गया।
4. Consequences (परिणाम)
- Democracy का अंत – Weimar Republic समाप्त।
- Hitler की Dictatorship – Totalitarian regime स्थापित।
- Anti-Semitism और Violence – यहूदियों और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न।
- World War II की तैयारी – Expansionism और Militarization।
5. Conclusion (निष्कर्ष)
Weimar Republic की राजनीतिक कमजोरी, आर्थिक संकट और Versailles Treaty ने जनता का विश्वास खो दिया। इन कमजोरियों ने Hitler और Nazi Party को उभरने का अवसर दिया, जो यूरोप में Totalitarianism और World War II के लिए मुख्य कारण बना।
